आज भारत सहित तमाम देशों को साइबर से जुड़े हर मामलों की पड़ताल करने की जरूरत हो गई हैं. हम आज एक ऐसे मॉर्डन इरा में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं जहां पर सभी चीजों का परिचालन डिजिटलाइजेशन से हो गया हैं. इतना ही नही सभी के डिजिटल होने से चीजों का रख-रखाव भी उतना ही जरूरी हो गया हैं जितना कि किसी एक ईंट को सीमेंट से जुड़े रहने के लिए. भारत और तमाम देशों पर हुआ साइबर हमला कोई भयानक संकेत तो दे रहा है.
हाल ही में साइबर संसार की दुनिया में एक वायरस ने कदम रखा हैं, रैनसमवेयर- जिसने तमाम विदेशी आईटी कंपनियों को अपने वायरस द्वारा हिला डाला. रेनसमवेयर ने तकरीबन 100 देशों पर साइबर हमला किया. जिसका खामियाजा तमाम देशों को अपने कंप्युटर पर वायरस द्वारा भुगतना पड़ा. इस अटैक का असर दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा ब्रिटेन और रूस. जिसके चलते दोनों देशों के कामकाज कुछ घंटों के लिए बाधित रहे.
क्या हैं रैनसमवेयर
दरअसल, रेनसमवेयर एक ऐसा वायरस हैं जो आपके कंप्यूटर में गलत तरीके से घुस जाते है मगर रेनसमवेयर और बाकी वायरस में काफी भिन्नताएं हैं बाकी वायरस जिनका मकसद आपके डाटा को चुराना या फिर डिलीट कर देना होता हैं. मगर रेलसमवेयर आपके सिस्टम मे जाकर के आपके सिस्टम को लॉक कर देता हैं. मतलब यह कि यूजर तब तक अपने सिस्टम को अनलॉक नही कर सकता जब तक वायरस उसे अनलॉक करने के लिए कोई फिरौती नही मांग लेता.
जगह-जगह पर हुए साइबर अटैक को आज हम किस नज़र से देखें क्योकि एक तरफ जब हमारा देश डिजिटलाइजेशन की दुनिया में अपने पांव पसार रहा हैं. सरकार सभी माध्यमों, वस्तुओं की खरीददारी को डिजिटल करने की बात कह रही है और ऐसे समय पर जब देश और दुनिया में कई बड़े साइबर हमलों के मामले सामने आ रहे है. संभवतः यह पूरी दुनिया के सामने एक जटिल समस्या हैं. तो फिर ऐसे दौर में भारत को डिजिटल बनाने का मतलब कितना सही हैं.
सरकार तर्क दे रही हैं कि रेनसमवेयर के हमले का भारत पर बड़ा असर नही पड़ा हैं. देश के आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि इस हमले से यहां कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. प्रसाद का कहना हैं कि भारत पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा. कुछ इक्का-दुक्का मामले हैं और उनसे निपटा जा रहा है. सरकार ने सभी लेन-देन और कैश ट्रांजेक्शन को कैशलेस आधार पर जोड़ने की राह बनाई हैं. पर क्या सरकार के पास साइबर सक्युरिटी से पुख्ता इंतजाम हैं.
अगर हम ‘साइबर सिक्युरिटी हमले’ मे से ‘हमले’ शब्द को हटा दें, तब भी सरकार अपनी साइबर सिक्युरिटी को महालैस करने में हर बार विफल रही हैं. उदाहरणतया, अभी हाल ही में कई राज्य सरकारों की वेबसाइट्स पर लोगों की आधार सिक्युरिटी से कैसा मज़ाक किया गया. राज्य के लोगों के आधार नंबर राज्य की वेबसाइट्स पर ही अपलोड़ कर दिए गए. जब इसी काम में सरकार की लापरवाही देखी जा रही है तो फिर साइबर हमला कितना दुर्भाग्यपुर्ण होगा. हम इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं. हालांकि सरकार इस स्तर पर अपने को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. भारत सरकार ने अब सभी डिपार्टमेंट में इंफॉर्मेशन सिक्युरिटी अफसर की तैनाती की हैं, जिसके बाद साइबर से जुड़ी सभी जिम्मेदारी उसी अफसर के जिम्मे होगी. इस प्रकार से साइबर सिक्युरिटी सुनिश्चित हो सकेगी.