“अच्छे दिन” को ऐसे समझिये….(प्रेषक —-श्याम)
- एक समय था कि अफगानिस्तान में बौद्ध मंदिरों को तोपों से उड़ा दिया गया था। और आज वहां के राष्ट्रपति हमारे मुल्क के इतने पक्के दोस्त हैं कि हमारे देश पे आतंकवादी हमला हुआ तो उन्होंने दक्षेस सम्मलेन में पाक जाने से मना कर दिया ।
- एक समय था जब ईरान हमारी एक नहीं सुनता था, आज उन्हीं ने भारत को चाबहार बंदरगाह बनाने और ईरान में अपनी फौजें रखने की इज़ाज़त दे दी।
- एक समय था कि नार्थ ईस्ट में आतंकवादी हमला करके म्यांमार भाग जाते थे । आज वहां की सरकार के सहयोग से इंडियन आर्मी ने वहीं जा के उनके आतंकवादी केम्पस तबाह कर दिए ।
- एक समय था जब खाड़ी देश पाक का साथ देते थे । दाउद बरसों तक दुबई में शरण लिए रहा। आज सउदी अरब ने दाउद की संपत्ति ही जब्त कर ली ।
- एक समय था जब खाड़ी देश भारत को कमजोर और गरीब समझते थे,आज अचानक क्या हुआ जो उन्हीं ने भारत के प्रधानमंत्री के आगमन पे अपने यहाँ पहला हिन्दू मंदिर बनाने के लिए जमीन दे दी ।
- आज अचानक क्या हुआ जो बुर्ज खलीफा तिरंगे में रंगा दिखने लगा ? हमारी 26 जनवरी की परेड में UAE का फौजी दस्ता शामिल हुआ ? और UAE में हिन्दू मन्दिर बन गया और एक और मन्दिर आबू ढ़ाबी में शीघ्र ही बन कर तैयार होने जा रहा है।
- आज अचानक क्या हुआ जो भारत में इतनी हिम्मत आ गयी कि चीन से लगे अरुणाचल के बॉर्डर पर भारत ने सड़कें बना ली, हवाई पट्टी बना ली, 100 मिसाइल भी तैनात कर दिए और टैंक की डीवीजन पोस्ट कर दी ?और चीन की धमकी के बावजूद दलाई लामा अभी हाल ही में तवांग (अरुणाचल) का दौरा करके आये।
- आज अचानक क्या हुआ जो जर्मनी और ईरान ने खुले रूप में सार्वजनिक रूप से कहा कि कुलभूषण को बलोचिस्तान से नहीं पकड़ा गया, बल्कि उनका ईरान से अपहरण किया गया।
- आज अचानक क्या हुआ जो USA के नवनिर्वाचित प्रेजिडेंट ने रूस , चीन, पाकिस्तान आदि देशों से पहले भारत के PM को फोन करके आभार व्यक्त किया ? अमरीका ने सार्वजनिक रूप से कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है।
ये सब परिवर्तन आये हैं मात्र तीन साल में नरेंद्र मोदी के आगमन के पश्चात् ।अब प्रश्न यह है की क्या भारत में नरेंद्र मोदी के आलावा वर्तमान नेताओं जैसे कि लालू, मुलायम, अखिलेश, सोनिया, ममता, केजरीवाल आदि में कोई नेता है इस क्षमता का जो इस प्रकार विश्व में भारत काम दबदबा कायम करा दे ? प्रेषक—–श्याम